बहुलक ( Polymer )
बहुलक किसे कहते है ?
वृहद अणुओं वाला वह पदार्थ जिसमें किसी अणु में कोई विशेष इकाई स्वयं को बार – बार दोहराकर बहुत विशाल अणुका निर्माण करती है , बहुलक कहते हैं ।
जैसे- रबड़ , आइसोप्रीन नामक रासायनिक पदार्थ को एकल इकाई बार – बार जुड़ कर वृहद रबर अणु का निर्माण करती है । एकल ईकाईयों के बार – बार जुड़ने को बहुलीकरण कहते हैं ।
बहुलक के उदाहरण
स्टार्च और सेल्यूलोज भी प्राकृतिक बहुलक है , जो पौधों से प्राप्त किये जाते हैं । ये दोनों बहुलक ग्लूकोज एकल इकाई के बने हैं । रूई ( कपास ) , जूट , सन ( सनई के तन्तु ) आदि सेल्यूलोज ( ग्लूकोज के बहुलक ) हैं । प्रोटीन बहुलक एमिनो अम्ल एकल इकाई से बना है ।
प्लास्टिक भी एक बहुलक पदार्थ हैं ।
प्लास्टिक के प्रकार-
प्लास्टिक 2 प्रकार के होते हैं-
( i ) प्राकृतिक प्लास्टिक-
जैसे लाख ,
( ii ) कृत्रिम प्लास्टिक-
जैसे • नाइलोन , पोलीथीन आदि ।
कृत्रिम प्लास्टिक दो प्रकार के होते हैं ।
थर्मोप्लास्टिक :-
यह गर्म करने पर मुलायम तथा ठंडा करने पर कठोर हो जाते हैं । यह गुण इनके अन्दर सदैव विद्यमान रहता है चाहे यह क्रिया कितनी बार क्यों न दोहराई जाये ।
उदाहरण –
पालीस्टियरीन , पोलीथीन ,सेल्यूलाइड , नाइलोन , पॉली विनाइल क्लोराइड ( PVC ) |
थर्मोसेटिंग प्लास्टिक:
वे प्लास्टिक पहली बार गर्म करते समय मुलायम तथा ठंडा करने पर इच्छित आकार में ढालकर कठोर कर लिया जाता है । पुनः ठंडा या गर्म करने पर कोई परिवर्तन नहीं होता है । उदाहरण के लिए वेकेलाइट , एल्किड रेजिन । नॉयलोन मानव द्वारा संश्लिष्ट किया गया प्रथम रेशा है ।
रेयॉन ( Rayon ) :
सेल्यूलोज के बने कृत्रिम रेश को रेयॉन कहते हैं । इसका उपयोग सूत से मिश्रित कर कपडा , बनाने , कालीन बनाने , घावों पर बांधने की जाली तथा पट्टी बनाने में किया जाता है से
रेक्सिन ( Rexin ) :
यह कृत्रिम चमड़ा है । इसका निर्माण सेल्यूलोज या वनस्पति से होता है । इसका प्रयोग कैनवास , जूता , चप्पल बनाने के लिए किया जाता है ।
बेकेलाइट (Bakelite):-
यह फिनाल तथा फार्मेल्डिहाइड को सोडियम हाइड्राक्साइड के उपस्थिति में गर्म करने से प्राप्त होता है । इसका उपयोग रेडियो , टेलीविजन आदि के केस , अटैची , बाल्टी के बनाने में किया जाता है ।
शुद्ध सेल्यूलोज से कागज बनता है
1. पॉलीथीन (Polyethylene):-
यह एथीलीन ( एथीन ) का बहुलक होता है । इसका उपयोग खिलौने , बैग , थैलियाँ , घरेलू बर्तन इत्यादि में करते हैं
2.पी.वी.सी.-
यह वाइनिल क्लोराइड का बहुलक होता है इसका उपयोग सूट , बर्तन , विद्युत केबल इत्यादि में करते हैं
3 टेफ्लॉन ( पी.टी.एफ.ई. ) –
यह टेट्राफ्लोरो एथीन का बहुलक । उपयोग नॉन स्टीक कुकींग बर्तन बनाने में ।
4. पॉलीस्टाइरीन –
स्टाईरीन का बहुलक उपयोग – अम्ल रखने की बोतलें तथा सेलों के आवरण बनाने में करते हैं ।
5. नियोप्रीन (Neoprene)
क्लोरोप्रीन का बहुलक उपयोग पेट्रोल पम्प के पाइप , सीट कवर , जूते , पर्स , बेल्ट बनाने में ।
6. पॉलीप्रोपीलीन –
प्रोपीन का बहुलक होता है उपयोग इनके 8 . तन्तुओं का उपयोग कारपेट , रस्से तथा फिशिंगनेट बनाने में ।
7. मेलामिन (melamine):0-
–
Dinner Set तथा अन्य घरेलू बर्तन बनाने में ।
8. बैकेलाइट-
यह फिनॉल तथा फॉर्मेल्डिहाइड का बहुलक होता है । अत : Phenol formaldehyde resin भी कहते हैं । उपयोग T.V. , Radio , Computer का बाहरी आवरण बनाने में ।
9. नाइलोन ( Nylon New Yoric , London ) –
प्रथम मानव निर्मित संश्लेषित फाइबर । यह एक पोलीएमाइड तन्तु होता है । यह Adipic acid तथा Hexamethylene diamine का Polymer होता है । नाइलोन का प्रयोग Fishing net , Climbing rope , clothing , shocks तथा as a plastic for making machine – parts .
10. पॉलीएस्टर (Polyester):-
इस समूह का एक Example टेरीलीन है । यह Terephthalic acid तथा ethylene glycol का बहुलक होता है उपयोग Terylene is used in machine textile ( clothes साडीज , ड्रेस मेटिरियल , पर्दे इत्यादि में
ऑरलान + Cotton ( Natural fibre ) – टेरिकॉट । टेरिकॉट का उपयोग- शर्ट , ट्राऊजर्स व अन्य कपड़े बनाने में ।
पॉलीएस्टर का उपयोग – Sail boods बनाने में भी करते हैं ।
टेरिलीन का उपयोग – Water – houses for fire fighting * operations I *
विस्फोटक ( Explosives ) : –
ऐसे पदार्थ जिन्हें चिन्गारी देने पर अत्यधिक तेज आवाज के साथ विशाल मात्रा में ऊष्मा ( आग ) का उत्सर्जन हो , विस्फोटक पदार्थ कहलाते हैं ।
1.बारूद (Gun – Powder) –
सर्वप्रथम रोजर – बेकन ‘ ने 13 वीं शताब्दी में प्रतिपादित किया । यह एक प्रकार का वायु की तरह मिश्रण है । इसमें – शोरा ( KNO , पौटेशियम नाइट्रेट ) + गंधक ( सल्फर ) + चारकोल होता है । बारूद अपेक्षाकृत कम विस्फोटक होता है ।
2. R.D.X. ( Research & Developed Xplosive ) –
यह एक प्लास्टिक बोन्डेड विस्फोटक है जो सफेद पाऊडर के रूप में होता है । यह मुख्यत : पॉली ब्यूटा – डाइईन , पॉली यूरीथेन तथा टेफ्लॉन आदि प्लास्टिक से बनाया जाता है ।
आविष्कारक (Inventor):-
हेन्स – हेनिंग ( जर्मनी , 1899 ) |
– इसे सामान्यतः ‘ आन्तकवादी गिरोह उपयोग में लेते हैं । इसकी विस्फोटक क्षमता अमोनियम नाइट्रट या AI चूर्ण मिलाकर बढ़ाई जाती है
डायनामाट (Dynamat):-
आविष्कार – अल्फ्रेड नोबेल । इसे पीला तैलीय द्रव ट्राई नाइट्रो ग्लिसरीन ( T.N.G. ) जिसे ‘ नोबल – तेल ‘ ( Nobel – Oil ) भी कहते हैं की क्रिया लकड़ी के चूर्ण ( बुरादा ) जिसे किसेलगुर ( Diatoms ) कहते हैं से कराने पर प्राप्त किया जाता है ।
आधुनिक काल में इसे ( T.N.G. + NaNO ) से बनाते हैं Wax paper में लिपटी बेलनाकार छड़ों के रूप में ।
अमोटोल्स ( Amotols )
अमोनियम नाइट्रेट + T.N.T. से बनता है ।
Semtex –
R.D.X. + Penta Erythritol Thetra nitramine + Polymers | 6 . 7 . 8 . टी . एन.टी. पूरा नाम – ट्राई नाइट्रो टालूईन । यह दैनिक खनन कार्यों एवं सुरंग निर्माण में चट्टानों को उखाड़ने में सर्वाधिक प्रयोग में आने वाला विस्फोटक है ।
कॉरडाइट ( Cordite ) –
निर्माण 1888 में Alfred Nobel द्वारा किया गया । यह Nitro glycerin Nitro Cellulose से बनता है ।
बेराटोल्स ( Baratols ) –
बेरियम नाइट्रेट + T.N.T. से बनता है । यह ग्रेनेड ( Granade ) और Anti tank missile में भरते हैं ।
Toopex – 2
– ( R.D.X. + LN.T. + Aluminium ) । उपयोग- पनडुबीयों तथा जहाज के बमों में प्रयुक्त करते हैं ।
T.N.P.- Tri – nitro – phenol | इसे पिक्रिक अम्ल ‘ भी कहा जाता है ।
P.I.X. ( Picatine Liquid Xplosive ) –
Nitromethane + Ethylene diamine से बनता है । ‘ आत्मघाती दस्ते द्वारा प्रयोग में लिया जाता है
FAQ:-
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