हार्ट अटैक लक्षण व उपचार
Heart attack symptoms and treatment
हार्ट अटैक किया हृदयाघात हाल के सालों में सर्वाधिक होने वाली बीमारी है हृदय में ब्लॉकेज के कारण होने वाली इस बीमारी से दुनियाभर के कई लोग पीड़ित हैं और कई जान गवा चुके हैं हार्ट अटैक के 50% मरीजों की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मृत्यु हो जाती है हर साल भारत में 3000000 लोगों की मौत दिल की बीमारी से होती है जोकीहाट अटैक होता है
क्या है होता है
समय के साथ कोरोनरी आरटेरी की दीवारों पर चिकनाई जमती रहती है , कैल्शियम और अन्य जीव की उस चिकनाई में जमा होते रहते हैं उस जमाव को पलाक कहते हैं ब्लॉक के कारण कोरोनरी आरटेरी का अंदर का व्यास कम हो जाता है इस कारण दिल के विभिन्न भागों को खून कम मिलता है और दिल सही तरह से काम नहीं कर पाता है जब पलाक की वजह से कोनटेरी आरटेरी में रक्त प्रवाह रुक जाता है और दिल में खून की सप्लाई बंद हो जाती है इसे दिल का दौरा या हार्ड अटैक कहते हैं
हार्ट अटैक के लक्षण
1.छाती में दर्द होना एवं सीने में ऐंठन होना
2. त्वचा पर चिकनाहट उनींदापन सीने में जलन महसूस होना
3.पसीना आना एवं सांस फूलना
4. महिलाओं में हार्ट अटैक आने पर कुछ अन्य लक्षण भी देखे जा सकते हैं मिताली आना उल्टी आना हाथ कंधों में कमर में झगड़ों में दर्द होना असामान्य रूप से थकान होना
दिल के दौरे में परहेज
दिल के दौरे के बाद दो तीन हफ्तों तक यौन संबंध अपनाएं
दिल के रोगी को धूम्रपान नही करना चाहिए , धूम्रपान दिल के दौरे का प्रमुख कारण होता है
तली हुई सब्जियों या मांस न खाएं
सॉफ्ट ड्रिंक या अन्य पर जिस में चीनी हो उसे नाचती है
हाई-फैट और हाई-शुगर वाले पदार्थों को न खाएं और नमक के सेवन को कम करें।
दिल के दौरे के पीड़ित व्यक्ति को क्या खाना चाहिए
1.ताजा सब्जियां खाए , खट्टे और ताजे फल खाए
2. अत्यधिक तले-भुने खाने की जगह उबले खाने का सेवन करें।
3.अपने नाश्ते में हाई फाइबर वाले अनाज का सेवन करें।
4. अनाज, फलियां और साबुत अनाज से युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करें और अधिक फैट वाले पदार्थों को न खाएं।
5. जैतून का तेल सरसों का तेल ,कैनोला का तेल ,मछली ,जामुन, स्ट्रॉबेरी ,ब्लूबेरी आदि सोयाबीन के उत्पाद सोया मिल्क, बादाम ,अखरोट, पिस्ता ,मुगफली ,ग्रीन टी ,कॉफी
हार्ट अटैक के उपचार
बचाव ही किसी रोग का सबसे बेहतरीन उपचार होता है अपनी जीवनशैली को स्वस्थ रख हम इस बीमारी से आसानी से बच सकते हैं लेकिन इसके बावजूद भी यह रोग हो जाए तो निम्न उपाय अपनाएं जा सकते हैं
जिससे सीपीआर भी कहते हैं हार्ट अटैक होने पर रोगी को को लेटा दें और जितना हो सके उसके आसपास खुला छोड़ दे हवा आने दे , रोगी के कपड़े को ढीला कर दे संयम बरतते हुए हथेली से रोगी की छाती पर तेज और जोर से दबाव डालें हर दबाव के बाद छाती में मौजूद कंप्रेशन को रिलीज करने का प्रयास करें इस प्रक्रिया को 20 से 30 बार दौरा है इससे रोगी की धड़कन है फिर से लौट आएगी बिना विलंब किए डॉक्टर से सम्पर्क करे
इन लोगों को दिल का दौरा आसानी से पड़ सकता है
1.उम्र 45 से ज्यादा पुरुषों को और 55 से ज्यादा उम्र की महिलाओं को दिल का दौरा आसानी से पढ़ सकता है
2. तंबाकू धूम्रपान करने से यह जो धूम्रपान करते हैं उनके आसपास रहने वाले को दिल का दौरा आसानी से पड़ सकते हैं
3. उच्च रक्तचाप (high blood pressure) :- रक्तचाप से धमनियों को हानि पहुंचाता है
दिल के दौरे के रोगी की निम्न सर्जरी व जाँच की जाती है
2. रक्त जांच:- जब दिल का दौरा पड़ता है तो कई एंजाइम रक्त में फैल जाते हैं यह जानने के लिए एंजाइम रक्त में है या नही ये जानने के लिए रक्त की जाँच की जाती है
3 . एजीओप्लास्टी:- बलून का इस्तेमाल करके या अवरुद्ध करने वाले पदार्थ को हटाकर अवरुद्ध धमनी को खोला जाता है
4. स्टंट डालना :-एंजोप्लास्टी के बाद धमनी को खुला रखने के लिए एक प्रकार का ट्यूब स्टैंड अवरुद्ध में डाला जाता है
5. बाईपास सर्जरी :- हृदय में अवरुद भाग में रक्त का प्रवाह प्रतिपूर्ति कराने के लिए सर्जरी की जाती है दिल के रोगियों को कई बार एक बार बाईपास सर्जरी के बाद दोबारा सर्जरी कराने की जरूरत पड़ती है। ऐसा अक्सर सर्जरी के बाद सावधानी न लेने के परिणामस्वरूप होता है। बाईपास सर्जरी में हृदय की धमनी में आये ब्लॉकेज को निकाला नहीं जाता, बल्कि हृदय को ब्लड पहुंचाने की व्यवस्था की जाती है। बाईपास सर्जरी के बाद दवाएं लेने से ब्लॉकिंग की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, लेकिन रूकती नहीं है। बाईपास सर्जरी एक निश्चित समय तक ही काम आती है। और अगर बाईपास सर्जरी के बाद सावधानी के अभाव में हृदय की धमनी का ब्लॉकिंग और भी बढ़ जाती है तो दोबारा बाईपास की जरूरत पड़ती है। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए जोखिम कारकों को काबू में रखना जरूरी होता है। वजन, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल आदि को नियंत्रित कर इस स्थिति को टाला जा सकता है।
6 .हार्ट वाल्व सर्जरी :- जिस वाल्व में रिसाव हो रहा हो उस वाल्व को बदलने के लिए सर्जरी की जाती
7. पेजमेकर सर्जरी:- ह्रदय की असामान्य लय को एक पेज मेकर की मदद से नियंत्रित किया जा सकता है
8.हृदय प्रत्यारोपण :- यह गंभीर स्थितियों में किया जाता है जब दिल के दौरे के कारण हृदय की ऊतके पूरी तरह नष्ट हो जाती हैं