आभूषण:-
1 शिशफूल 2. रखडी (राखड़ी) 3. बोर
4 टिकड़ा 5. मेमन्द
2. माथा/ मस्तक के आभूषण
1. बोरला 2.टीका 3.मांग टीका
4.दामिनी 5 .सांकली 6 फीणी
7. टिडी भलको बिन्दी
3.नाक के आभूषण
1. बेसरि / बसेरी 2.नथ 3.चोप 4.लोंग
5. चूनी 6. लटकन 7. वारी 8. नथ (भवर कड़ी)
4.कान के आभूषण
1. . झमेला 2. झुमका 2. लटकनटाॅप्स 4 . गुरड़े 5. कर्णफूल
5.दांत के आभूषण
1. रखन 2. चूप
6.गले के आभूषण
1. थमणिया 2. कंठी 3.मटरमाला 4. तुलसी 5. मोहरण
21.बलेवड़ा 22. हांकर 23. सरी 24 .कंठमाला 25 .शमण्यो
7.कलाई /हाथ के आभूषण
1. चुड़ा 2 .गोखरू 3. चूडियां 4. चूडा 5. हथफूल
8.अंगुली के आभूषण
1. दामणा 2. हथपान 3.छडा 4.बीदिया 5.अंगुठी
6. छल्ला 7. मूंदड़ी 8. कुडक 9. नथड़ी/ भंवरकडी
9. हाथ के अंगूठे का आभूषण-
10.बाजू के आभूषण
1. बाजू 2. बाजूबंद 3.भुजबंध 4 .अणत
11.कमर के आभूषण
1. कण्डोर/कंदोरा 2. तागड़ी/ तगड़ी 3. करधनी/करथनी 4. कणकती
12.पैर के आभूषण
1.फोलरी 2. नवरी 3. घुंघरू 4. पायजेब 5. पायल
11. बिछिया 12.कडा 13.जोधपुरी जोड़ 14.आंवला 15. झांझरिया
13 . पैर की अंगुली के आभूषण-
वेष भूषा:-
◆पगड़ी
-पगडी मेवाड़ की प्रसिद्ध है।
-पगड़ी को पाग, पेंचा व बागा भी कहते है।
-विवाह पर पहनी जाने वाली पगड़ी मोठडा पगडी कहलाती है।
-श्रावण मास में पहनी जाने वाली पगड़ी लहरिया कहलाती है।
-दशहरे के अवसर पर पहने जाने वाली पगड़ी मदील कहलाती है।-दीपावली के अवसर पर पहने जाने वाली पगड़ी केसरिया कहलाती हैं
-फूल पती की छपाई वाली पगडी होली, के अवसर पर पहनी जाती है।
◆रियासती पगडि़यां
1.अमरशाही. 2. चुड़ावत शाही 3.जसवंत शाही 4. उदयशाही
5. राजशाही 6 राठौडी 7 हम्मीर -शाही 8.भीम शाही
9 स्वरूपशाही 10 शहजहांनी 11 मानशाही
◆ अंगरखी
राजस्थनी पुरुष दुवरा शरीर के ऊपरी भाग में पहने जाने वाला वस्त्र अंगरखी होती है।
इसके अन्य नाम – बुगतरी, अचकन, बण्डी आदि।
◆ चैगा
सम्पन्न वर्ग द्वारा अगरखी के ऊपर पहने जाने वाला वस्त्र है।
तनजेब व जामदानी के चैगे- गर्मियों में पहने जाते है।
◆जामा
शादी- विवाह या युद्ध जैसे विशेष अवसरों पर घुटनों तक जो वस्त्र पहना जाता था जामा कहलाता है।
◆आत्मसुख
सर्दी से बचाव के लिए अंगरखी पर पहना जाने वाला वस्त्र है।
सबसे पुराना आत्मसुख सिटी पैलेस (जयपुर) में सुरक्षित है।
◆पटका
जामा के ऊपर पटका/ कमरबंद बांधने की प्रथा थी, जिस पर तलवार या कटार लटकाई जाती थी।
◆ ओढ़नी
शरीर के निचले हिस्से मे घाघरा ओर ऊपर कूर्ती, कांचली के बाद स्त्रियां ओढनी ओढ़ती है।
लूंगडी – मीणा जाति से संबंधित है।
पोमचा– पीली व गुलाबी जमीन वाली विशेष ओढनी बच्चे के जन्म के समय महिलाएं ओढती है।
लहरिया – तीज-त्यौहार के अवसर पर महिलाओं पहने जाने वाली ओढनी है।
कटकी – अविवाहित बालिकाओं की ओढनी है।
ओढ़नी के अन्य प्रकार
1. ज्वार भांत की ओढ़नी
2. ताराभांत की ओढ़नी
3. लहर भांत की ओढ़नी
4. केरीभांत की ओढनी
5.तारा भांत की ओढ़नी- आदिवासी स्त्रियों की लोकप्रिय ओढ़नी है।
◆ ठेपाड़ा / ढेपाडा
भील पुरूषों द्वारा पहनी जाने वाली तंग धोती है।
Leave a Reply